लाखो में एक को होती है ये बीमारी, डॉक्टर्स नहीं ले रहे थे कोई गारंटी !





मै बोरीवली मुंबई में रहती हु और मेरी उम्र 16 साल है | 6 साल की आयु से मुझे यूरिन इन्फेक्शन के वजह से किडनी में समस्या हो गयी थी और तबसे ही डॉक्टर्स से इलाज जारी था | अगस्त 2014 में मुझे खांसी के डोरे आने लगे , बार बार सर्दी होने के कारन खांसी हो रही थी | दवाइया चल रही थी पर उन दवाईओ का कुछ असर नहीं हो रहा था |  डॉक्टर ने चेस्ट का ऐक्सरे और ब्लड टेस्ट करना के सलाह दी | ब्लड के टेस्ट उन्हें नार्मल लगे और चेस्ट के एक्सरे में उन्हें कुछ दिखाई दिया और मुझे चेस्ट के डॉक्टर के पास जाने की सलाह दी | चेस्ट के डॉक्टर ने फिर से एक्सरे , ऍम आर आई और 2 डी इको करने को कहा | रिपोर्ट देखने के बाद उन्होंने कहा की मुझे पुलमोनोरी ह्यपरटेंशन है |

 इसमें लंग्स प्रेशर देते है, और मुझे सांस लेने में भी तकलीफ होती है | इसके कारन मै  ज़ादा चल नहीं सकती, खेल नहीं सकती | मेरा घर भी तीसरी मंजिल पर है वहां लिफ्ट भी है है | मै सिडिया भी नहीं चढ़ पाती थी , नहाकर आने के बाद मुझे सांस लेने में इतनी तकलीफ होती थी की मई 2  कदम भी नहीं चल पाती थी | मेरी माँ को लगता था की इसे अभी कुछ हो जाएगा , मैं रिक्शा के बगैर कहीं आ जा भी नहीं सकती थी | इस सब का सर मेरी पढ़ाई पर हुआ , मेरा स्कूल जाना अनियमित हो गया, तब मई नोवी कक्षा में थी |

फिर मुझे बड़े स्पेशलिस्ट डॉक्टर के पास ले गए , उन्होंने मेरी रिपोर्ट्स को देखा | फिर 6 – 7 मिनट चलाकर सांस लेने का टेस्ट भी किया | उसके बाद दवाई भी दी गयी , पंप भी इस्तेमाल करने को दिया | डॉक्टर ने बताया की मेरी हालत बहुत ख़राब है मुझे जो बिमारी है वो लाखो में एक को होती है | मई दवाई ले रही थी पर उनका कोई असर नहीं हो रहा था |

ओक्टुबर  2015 में मुझे ज्यादा तकलीफ होने लगी , तब मई 10 कक्षा में थी | 2015 में मेरी दसवीं कक्षा की प्रिलिम परीक्षा चल रही थी , पेपर करते हुए मई बेहोश होकर गिर पड़ी | मेरी हालत बहुत ख़राब थी , तुरंत हस्पताल में भर्ती करना पड़ा | भर्ती करने के बाद डॉक्टर ने टेस्ट किया और पाया की हीमोग्लोबिन 6  था , खून की कमी थी , मुझे ऑक्सीजन नहीं मिल रहा था | किड़बे का क्रिएटिन बाद गया था और चेस्ट में कफ जमा हुआ था | 4 दिन अस्पताल में रखा , ऑक्सीजन चदया , खून दिया , तब मुझे  राहत मिली , पर मई नार्मल नहीं थी |

 मुझे वापिस बड़े हार्ट डॉक्टर को  दिखाया , जो पुल्मोनेरी हिपेरटेन्शन में भी स्पेशलिस्ट थे |  डॉक्टर ने हार्ट का ऍम आर आई करने को कहा और मेरी माँ को बताया की अगर हार्ट में ब्लॉकेज हुआ तो इसका ऑपरेशन करना पड़ेगा | पर ऑपरेशन करते समय मेरी लाइफ की गारंटी नहीं दे रहे थे |  उन्होंने यह भी बताया की अगर ऍम आर आई नार्मल भी आया , तब भी मै  सिर्फ एक वर्ष ही जी पाऊँगी |  मुझे दसवीं की बोर्ड की परीक्षा देने से मना किया गया था , डॉक्टर ने कहा था की मै परीक्षा नहीं दे पाऊँगी |

मेरी ट्रीटमेंट चालू थी मई दवाइया और पंप ले रही थी | तभी एक दिन जीतेन्द्र पांचाल और मीणा पांचाल हमारे पड़ोस में आये हुए थे | हमारे पडोसी ने उन्हें मेरी हालत के बारे में बताया , वो मेरे घर ए उन्होंने मेरी माँ को फॉरएवर लिविंग प्रोडक्ट्स के बारे में बताया | इसके पहले भी माँ ने मुझे दूसरी कंपनी क प्रोडक्ट्स दिए थे पर उनका कुछ असर नहीं हुआ था | इसलिए माँ ज्यादा ध्यान नहीं दे रही थी , परन्तु जीतेन्द्र सर ने फॉरएवर के प्रोडक्ट्स किस तरह बनते है, बताते हुए फॉरएवर के प्रोडक्ट्स के बारे में बताया | उसके फायदे बताये , जिन्हे इनका फायदा हुआ है उनके बारे में बताया | उनकी बाते  सुन कर माँ के मन में आत्मविश्वाश आया, जीतेन्द्र सर ने भरोसा दिलाया और हमने भी भरोसा रखा |



फिर मैंने बाकि सभी प्रोडक्ट्स  बंद किये , और फॉरएवर के प्रोडक्ट्स लेना सुरु किया | मेने फॉरएवर की अलोएवेरा जेल , एलो बेरीय नेक्टर , गिंकगो प्लस , बी प्रोपोलिस , अर्टरिक सी  और लीशियम प्लस का इस्तेमाल किया |  इसके साथ साथ डॉक्टर की दवाइया भी ले रही थी | जीतेन्द्र सर के बताये अनुसार फॉरएवर के प्रोडक्ट्स नियमित रूप से लिए | आपको क्या बताऊ की सिर्फ 15 दिनों में किस तरह मेरी सेहत म,इ फर्क दिखाई देने लगा | मई सिडिया चढ़ने उतरने लगी , साँस की तकलीफ भी काम हुई , मई खेलने लगी थी, मेरी त्वचा में भी फर्क दिखाई देने लगा था |



मई गणपति विसर्जन में  2 घंटे नाची हु , गरबा खेली हु , चल कर अति जाती हु | मई 2016 में मेरे अस्पताल में हुए सरे टेस्ट नार्मल आये | हीमोग्लोबिन बाद गया था, हार्ट का साइज काम हो गया था , मेरा पंप केना भी बिलकुल बाद हो गया था |  मै और मेरा परिवार पुरे दिल से फॉरएवर का धन्यवाद करता है |

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